किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
मैना मातु की हवे दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
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शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
प्रतिदिन शिव चालीसा का पाठ करने से आपके जीवन की कठनाईया दूर होती हैं ।
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥ तुरत षडानन आप पठायउ ।
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
शिव चालीसा का पाठ करने से आपके कार्य पूरे shiv chalisa in hindi होते है और मनोवांछित वर प्राप्त होता हैं।
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